क्या हो अगर
चाँद हो इक ऊन का गोला
जिससे कोई सितारे बुनता हो
टूट कर जो गिरे ज़मीन पर
तो शायद वो इंसान बनता हो
जुड़ा तो है इक धागे से
पर क्या पता जब कोई उसे खींचे
वो फिर आसमान में चमकता हो
क्या हो अगर
चाँद हो इक ऊन का गोला
जिससे कोई सितारे बुनता हो
टूट कर जो गिरे ज़मीन पर
तो शायद वो इंसान बनता हो
जुड़ा तो है इक धागे से
पर क्या पता जब कोई उसे खींचे
वो फिर आसमान में चमकता हो
It’s okay if you don’t see the path ahead, or know where everyone went. Don’t...
What does it mean— to belong? Is it the connection you feel in every bond?...
मुट्ठी भर रोशनी में जहाँ, खिलते सफ़ेद फूल, वो एक टुकड़ा आसमान का, हाँ, है...